********समुंद समाना बूंद में.****************
बड़े गहरे अर्थ छुपे,छोटी छोटी बातों में.
दूर गगन के तारें दिखते, काली-गहरी रातों में.
बड़े गहरे अर्थ छुपे,छोटी छोटी बातों में.....
कौन कहता, कुछ नया.
क्या रहा कुछ अनकहा?
मतलब वही, सिर्फ शब्द नया.
बात सुनने की हैं, गुनने की हैं.
और मौन में मथने की हैं.
जिन्दंगी का ग़र समझा तो,
चुटकुले पे हँसने की हैं.
क्या गीता, क्या कुरान?
बहते सब, तेरे ही अहसासों में.
बड़े गहरे से अर्थ छुपे,छोटी छोटी बातों में.
दूर गगन के तारें दिखते, काली-गहरी रातों में....
आज इतना ही.
प्यार.
राहुल.