तुम अक्सर शिकायत करती हो
मै तुम्हे याद नहीं करता
सच भी है
तुम याद नहीं आती
तुम मह्सूस होती हो
हवाओ में
फ़ूलो में
हंसी में
सांसो में
निशब्द में
एकांत में
ध्यान में
अजान में
यादो के रिश्तो से
जज्बातो के रिश्ते
कही गहरे
होते है।
हा , तुम याद नहीं आती।
याद करने के लिए
दो रूहों की जरुरत होती है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment
Do leave your mark here! Love you all!