"

Save Humanity to Save Earth" - Read More Here


Protected by Copyscape Online Plagiarism Test
Showing posts with label Memories. Show all posts
Showing posts with label Memories. Show all posts

Tuesday, July 19, 2016

क्या भुलु, क्या याद करू


बिछड़ने के इन पलो में, अब क्या पुछु, संवाद करू.
अपनी चिन्ताओ के पीछे, क्यों वक्त तुम्हारा बर्बाद करुँ।

कितनी बाते, कितने किस्से, यादो का शहर आबाद करू।
अनमना सा सोच रहा, क्या भुलु, क्या याद करू।

चौराहे पर फिर खड़ा मैं, किस पथ पर, जाऊ पथिक।
अब तक तुम साथ थे, अब राह हुई और कठिन।

साहस जो सिखाया और निडरता का ख्वाब बुना।
तुम बिन संभव न था, वो जो मैंने पथ चुना।

किसी सुहाने मोड़ पर , राहे फिर मिल जाय, फरियाद करुँ।
अनमना सा सोच रहा, क्या भुलु, क्या याद करू।