तुम मिया, गलत करते हो।
सही सवाल पूछते हो।
पर गफलत करते हो।
जड़ो से जुड़े रहने के मायने।
मौसमो से नहीं पूछे जाते।
इस रंग बदलती दुनिया में।
आज, गिरगिट भी शर्मशार हो जाते।
ये प्रश्न उनसे पूछो।
जो चिडिओ को दानापानी रखते हैं।
बुजर्गो की निशानियाँ संभालते हैं।
तिजोरिओ में मोती न हो मगर।
आँखों में दूसरे के दर्द के अश्क रखते हैं।
तुम मिया, गलत करते हो।
सही सवाल पूछते हो।
पर गफलत करते हो।
जड़ो से जुड़े रहने के मायने।
गर पूछना ही हैं।
तो जाकर किसी बरगद के पेड़ से पूछो।
वो भी चलता हैं, मियां, "आगे बड़ विकास" भी करता हैं।
पर जड़े जमा कर चलता हैं।
बना के रखता हैं, अस्तित्व से संपर्क।
तुम मिया, अक्सर गलत करते हो।
सही सवाल पूछते हो।
पर गफलत करते हो।
-राहुल
Beautiful Poem!
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म मिया, गलत करते हो।
ReplyDeleteसही सवाल पूछते हो।
पर गफलत करते हो।
जड़ो से जुड़े रहने के मायने।
गर पूछना ही हैं।
तो जाकर किसी बरगद के पेड़ से पूछो।
वो भी चलता हैं, मियां, "आगे बड़ विकास" भी करता हैं।
पर जड़े जमा कर चलता हैं।
बना के रखता हैं, अस्तित्व से संपर्क।
सुन्दर