शेर पूरा शेर होता है
बकरी पूरी तरह से बकरी
एक कुत्ता १००% कुत्ता होता है
और एक गधा १% भी कम गधा नहीं
ये बीमारी सिर्फ इंसानो के साथ होती है
शेर बनने के जुमले में
अक्सर भेड़िये का रूप ले लेता है
या फिर बकरियों की तरह
मै मै मै - मेरा - मिमियाता है
कुत्ते से इंसानो को नहीं तोलूँगा
वफ़ादारी - खैर छोड़ो
और गधा ?
उसकी अपनी एक मासूमियत है
इंसान पूरा नहीं जन्मता
बल्कि जन्म के बाद
पूरा बनने की कोशिश कर सकता है
धर्म , भगवान , साहित्य , कविता , भाव , ध्यान
परमार्थ , धन्यभाव और सबसे ऊपर
निस्वार्थ प्रेम
उसी जीवन सुख को पाने के प्रयास है
जो इंसान को इंसान के रूप में
पूर्ण करने में सार्थक होता है।