"

Save Humanity to Save Earth" - Read More Here


Protected by Copyscape Online Plagiarism Test

Monday, November 4, 2019

तुम बहुत कम दिखती हो.

तुम बहुत कम दिखती हो.
खिली धुप में
खुले आसमान में
उड़ती हो
तितली हो
या बादल हो
बेपरवाह हो
खिलखिलाती हो
रुलाती हो
कुछ नया
रोज सिखाती हो
कहा हो आजकल
तुम कम दिखती हो
ऐ जिंदगी 
बहुत ढूंढा तुम्हे
तुम थोड़ा कम ही मिलती हो।
आजकल बहुत कम दिखती हो.