"

Save Humanity to Save Earth" - Read More Here


Protected by Copyscape Online Plagiarism Test

Friday, November 5, 2010

************शुभ दीपावली.***************



इस देश कि संस्कृति ने श्री-लक्ष्मी के साथ सरस्वती  को भी बैठाया. क्या कारण था? क्योकिं लक्ष्मी के साथ सदा अलक्ष्मी भी आती हैं. शायद मेरे देश कि भी आज यही समस्यां हैं. हमारे आँखों के पानी के साथ हमारी सरस्वती भी लुप्त हो गयी. ये नया बरस, सम्वंत २०६७ उस सरसवती को फिर से पुनर्जीवित करे, पुनह वो सरिता आपको शीतलता प्रदान करे, आपको श्री-लक्ष्मी के साथ विद्या, बुद्धि और विवेक मिले, इस दीप के पर्व पर यहीं शुभकामनाएं हैं.



  
शुभकामनाओ के साथ.
आर्या-राहुल-निधि 

4 comments:

  1. आपको भी बहुत बहुत शुभकामनायें, दीपावली की।

    ReplyDelete
  2. @प्रवीन भाई, @रतन जी, @संगीता जी, @उदन जी.
    धन्यवाद. ढेर सारी शुभकामनायें.

    ReplyDelete
  3. देरी के लिए माफ़ी चाहती हूँ राहुल जी ... आप मेरे ब्लॉग पर आये .. और अनजाने में मेरी सहायता भी कर डाली ... आपका बहुत बहुत धन्यवाद ... आगे भी हौसला अफजाई करते रहिये गा ... शुक्रिया ..

    ReplyDelete
  4. क्षितीजा जी. "कही कहू जो मैं किया, वो ही था मुज माहि." तो मैंने कुछ नहीं किया. समझ सकता हू रचनाकार की परेशानी. अलग अलग व्यक्तित्व-अपने अपने अर्थ :-) और जहा तक हौंसला अफजाई का सवाल हैं, आप काबिल हैं उसके. (You deserve it).

    ReplyDelete

Do leave your mark here! Love you all!